Punjab Fisheries Department implements fish farming projects under GoI scheme PMMSY: Bajwa
पंजाब मछली पालन विभाग के साझे यत्नों स्वरुप भारत सरकार की तरफ से नयी शुरू की स्कीम प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना (पी.एम.एम.एस.वाई.) इस साल 45.82 करोड़ रुपए के प्रवानित प्रोजैक्ट के साथ राज्य में भी लागू की जा रही है। भारत सरकार की तरफ से इस स्कीम के अंतर्गत 11.36 करोड़ रुपए केंद्र के कुल हिस्से में से 5.68 करोड़ रुपए की पहली किस्त जारी कर दी गई है। राज्य सरकार की तरफ से इस योजना को लागू करने के लिए अपेक्षित बजट का प्रबंध भी किया गया है।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुये पशु पालन, मछली पालन और डेयरी विकास विभाग के मंत्री तृप्त रजिन्दर सिंह बाजवा ने बताया कि प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना (पी.एम.एम.एस.वाई.) के अधीन मछली पालन विभाग की तरफ से 61.71 करोड़ रुपए की लागत वाले 15 अन्य प्रोजेक्टों के लिए डीपीआर भारत सरकार के पास जमा करवाए गए हैं। इस सम्बन्धी मंज़ूरी जल्द मिलने की संभावना है।
मंत्री ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत राज्य में मछली पालन क्षेत्र के विकास के लिए कई नये प्रोजैक्ट लागू किये जाएंगे। श्री बाजवा ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत पहली बार मंडीकरण को पंजाब के साथ-साथ दूसरे राज्यों में उत्साहित करने के लिए किसानों को मछलियों के यातायात के लिए वाहन जैसे साइकिल, मोटर साइकिल, आटो रिक्शा, इंसूलेटड वैनें, रैफरीजेरेटड वैनों आदि सब्सिडी पर मुहैया करवाए जाएंगे। मछली पालन और झींगा मछली पालन के अधीन क्षेत्रों में विस्तार इस साल भी जारी रहेगा। दक्षिण-पश्चिमी पंजाब में झींगा मछली पालन के अधीन क्षेत्र पिछले साल 400 एकड़ के मुकाबले दोगना होकर 800 एकड़ से भी अधिक हो गया है।
विभाग की तरफ से भारत सरकार को झींगा मछली पालन, प्रोसेसिंग और मंडीकरण को उत्साहित करने के लिए एक प्रमुख प्रोजैक्ट सौंपा गया है जिसके लिए भारत सरकार ने 536 करोड़ रुपए की लागत वाले 4 वर्षीय प्रोजैक्ट का सुझाव दिया है। यह नौजवानों के लिए नौकरियों के मौके पैदा करने और उन लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में सहायता करेगा जिनको अपनी ज़मीनों में से कोई आय नहीं हो रही थी।
पशु पालन मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार राज्य में पहली बार सब्सिडी पर विभिन्न सामर्थ्य की मछली फीड मिलों की व्यवस्था जैसे उच्च निवेश प्रोजेक्टों की शुरूआत करके मछली पालन क्षेत्र में उद्दमिता को उत्साहित कर रही है। श्री बाजवा ने आगे कहा कि इसके अलावा, नवीनतम उच्च-निवेश मछली सभ्याचार तकनीकें जैसे री-सरकूलेटरी ऐकुआक्लचर सिस्टम और बायो-फलोक कल्चर सिस्टम को सब्सिडी के द्वारा उत्साहित किया जा रहा है।