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डा. बलबीर सिंह ने राज्य की 25 जेलों में बंदियों की स्वास्थ्य जांच के लिए पटियाला से करवाई राज स्तरीय स्क्रीनिंग अभियान की शुरुआत

पटियाला, 15 जून
स्वास्थ्य और परिवार भलाई मंत्री डा. बलबीर सिंह ने पटियाला की केंद्रीय जेल में राज समागम दौरान राज्य की 25 जेलों में बंदियों की जांच के लिए महीना भर चलने वाली राज्य स्तरीय स्क्रीनिंग अभियान का आग़ाज़ करवाया। उन्होंने बताया कि मुख्य मंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार राज्य के 3 करोड़ लोगों को सेहतमंद बनाने के लिए अपनी वचनबद्धता पूरी शिद्दत के साथ निभा रही है।
जेल ट्रेनिंग स्कूल में करवाए समागम को संबोधन करते डा. बलबीर सिंह ने कहा कि मुख्य मंत्री भगवंत मान के आदेशों के अंतर्गत राज्य की सभी जेलों में बंद 30494 कैदियों और हवालातियों के स्वास्थ्य जांच करवा कर इंटैगरेटिड यौन रोग, एच. आई. वी, टी. बी और वायरल हैपेटाईटस मरीजों की शिनाख़्त करने के लिए यह अभियान आरंभ किया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने ऐलान किया कि जेलों के बंदियों की मानसिक सेहत में सुधार लाने के लिए मनोरोगें के माहिरों और कौंसलरों की सेवाएं लेने सहित बंदियों की लगातार स्वास्थ्य जांच के लिए आई.एम.ए. और प्राईवेट डाक्टरों का भी सहयोग लिया जाएगा। इस साथ माहिर डाक्टरों की सेवाएं टैलीमैडीसिन द्वारा प्रदान की जाएंगी और जेलों में मैडीकल कैंप भी लगाए जाएंगे।


केंद्रीय जेल में बंदियों को संबोधन करते डा. बलबीर सिंह ने कैदियों और हवालातियों को जेलों में बंद रहने के समय की सद उपयोग स्व- सुधार और हुनर विकास की तरफ लगाने की प्रेरणा करते न्योता दिया कि वह रिहा होने बाद में समाज में रोल माडल बनकर विचरे, जिससे उनके पुराने जीवन की झलक नए जीवन पर न पड़े।
सेहत मंत्री ने जेलों कैदियों को न्योता दिया कि वह अदालत की तरफ से सुनाई जेल की सजा के साथ- साथ अपने आप सहेजी बीमारियों वाली सजा भुगतने से बचने के लिए इस स्क्रीनिंग अभियान का लाभ उठाए, क्योंकि ऐसीं बीमारियाँ सजा- ए- मौत से कम नहीं होती और इसका नुक्सान कैदी के साथ- साथ उसका परिवार भी भुगतता है।
डा. बलबीर सिंह ने बताया कि मुख्य मंत्री भगवंत मान का नेतृत्व नीचे सेहत विभाग अधीन पंजाब स्टेट एडज कंट्रोल सोसायटी की तरफ से इंटैगरेटिड यौन रोग, एच. आई. वी, टी. बी और वायरल हैपेटाईटस के मरीजों की शिनाख़्त करने के लिए जेलों के बंदियों की ऐसे रोगों की जांच के लिए स्क्रीनिंग अभियान 14 जुलाई 2023 तक या विधिवत् ढंग के साथ चलेगा बल्कि इसके बाद भी इस को लगातार जारी रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि इस अभियान दौरान इन बीमारियों सम्बन्धित काउंसलिंग और स्क्रीनिंग का मुख्य उद्देश्य ऐसे मरीज़ों की खोज और समय पर इलाज करवा कर बीमारी के फैलाव को रोकना है।
समागम मौके ए. डी. जी. पी. जेल अरुणपाल सिंह ने बताया कि राज्य की 25 जेलों में 29000 मर्द, 1493 महिला बंद है जबकि 6 साल तक की उम्र के 35 बच्चे भी अपनी मां के साथ रह रहे है, जिन की सेहत के मौलिक अधिकार को बरकरार रखने के लिए सेहत विभाग जेल विभाग का पूरा साथ दे रहा है। सेहत विभाग के विशेष सचिव डा. अडप्पा कारथिक ने कहा कि कैदी और बंद स्थानों पर रहने वाले नागरिकों को बीमारियों का ख़तरा और ज्यादा होता है, जिसके लिए यह अभियान शुरू किया गया जिससे बंदी जेलों से बाहर जाने पर एक निरोए समाज का हिस्सा बने।
इस अवसर पर डा. सुधीर वर्मा, डिप्टी कमिशनर अदित्या उप्पल, डी. आई.जी.जेल सुरिन्दर सिंह सैनी, एस.एस.पी. वरुण शर्मा, स्वास्थ्य विभाग के डायरैक्टर डा. आर्दशपाल कौर, जेल सुपरडैंट मनजीत सिंह टिवाना, भी उपस्थित थे।

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