Punjab-Chandigarh

PUNJAB CM DIRECTS FOOD AND CIVIL SUPPLIES DEPARTMENT TO ENSURE ADEQUATE ARRANGEMENTS FOR SMOOTH PADDY PROCUREMENT DURING KMS 2021-22

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज खाद्य एवं सिविल सप्लाई विभाग के सचिव को खरीफ मंडीकरण सीजन, 2021-22 के दौरान धान की निर्विघ्न खरीद के लिए पुख्ता प्रबंधों को यकीनी बनाने के हुक्म दिए हैं।

कृषि विभाग ने मौजूदा खरीफ की फसल सीजन के दौरान धान के उत्पादन का 197.47 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य निर्धारित किया है और राज्य भर में लगभग 30 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल धान के तहत होगा।

जिक्रयोग्य है कि खाद्य एवं सिविल सप्लाई विभाग ने खरीफ मंडीकरण सीजन, 2020 -21 में 202.83 लाख मीट्रिक टन धान की फसल और रबी मंडीकरण सीजन 2021-22 में 132.10 लाख मीट्रिक टन गेहूँ की सफलतापूर्वक खरीद की।

आज यहाँ वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के द्वारा खाद्य एवं सिविल सप्लाई विभाग के कामकाज का जायजा लेने के लिए उच्च स्तरीय मीटिंग की अध्यक्षता करते हुये मुख्यमंत्री ने विभाग को केंद्र के साथ समय पर तालमेल करके बारदाने की समय पर खरीद करने के इलावा धान की निर्विघ्न लिफ्टिंग के लिए यातायात और लेबर समेत अन्य अपेक्षित साजो -सामान यकीनी बनाया जाये जिससे किसानों को तय समय में उत्पाद की अदायगी की जा सके।

मुख्यमंत्री ने खाद्य एवं सिविल सप्लाई विभाग के सचिव को लाभपात्रियों को अनाज का वितरण जल्द सुनिश्चित के लिए कहा।

मीटिंग के दौरान विचार-चर्चा में हिस्सा लेते हुए खाद्य एवं सिविल सप्लाई मंत्री भारत भूषण आशु ने मुख्यमंत्री को भरोसा दिलाया कि मार्च, 2017 से लेकर रबी और खरीफ के 9 सीजनों के दौरान की खरीद की तरह मौजूदा खरीफ सीजन के मौके भी धान की समय पर खरीद को यकीनी बनाया जायेगा।

विभाग के सचिव राहुल तिवारी ने संक्षिप्त में पेशकारी देते हुए मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि विभाग ने खरीफ सीजन, 2021 -22 के दौरान फसल की सीधी अदायगी करने के लिए सॉफ्टवेयर को पहले ही विकसित कर लिया है। खरीद के लिए विभाग अपने ‘अनाज खरीद ’ पोर्टल के द्वारा कामकाज करता है जिससे 10 लाख किसान 24 हजार आढ़तियें और 4 हजार मिल मालिक रजिस्टर्ड है।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एक्ट 2013 के अंतर्गत आॅनलाईन विधि के द्वारा 1.51 करोड़ योग्य लाभपात्रियों को गेहूँ वितरित किया जा चुका है।

मीटिंग के दौरान यह भी बताया गया कि प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अनाज योजना के अंतर्गत गेहूँ और दालों के पहले और दूसरे पड़ाव और गेहूँ के तीसरे पड़ाव में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एक्ट के सभी 1.41 करोड़ लाभपात्रियों को अतिरिक्त व्यवस्था की जा चुकी है। इसके इलावा आत्म निर्भर भारत स्कीम के अंतर्गत खाने के 14 लाख पैकेट और मुख्यमंत्री कोविड राहत प्रोग्राम के अंतर्गत राज्य आपदा प्रबंधन फंड से जरूरतमंदों को सूखे राशन के 17 लाख पैकेट बाँटे गए और कोविड 19 के पाजिटिव मरीजों को खाने के अतिरिक्त एक लाख पैकेट वितरण अधीन हैं।

विभाग के लीगल मैटरोलौजी विंग के राजस्व में बीते साल की अपेक्षा विस्तार हुआ है जो कि 14 करोड़ से बढ़ कर 20 करोड़ हो गया है और 26 करोड़ तक हो जाने की संभावना है।

इसी दौरान खाद्य एवं सिविल सप्लाई विभाग के डायरैक्टर रवि भगत ने विभाग के कामकाज में और कुशलता लाने के लिए सूचना प्रौद्यौगिकी के सम्बन्ध में पहलकदमियों के बारे मुख्यमंत्री को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कटाई के बाद स्वैचालित प्रक्रिया के द्वारा जे-फार्म को जोड़ने, एच-रजिस्टर इंटैग्रेशन, आढ़तियों की फीस का स्वैचालित हिसाब -किताब होने, रिलीज आर्डर मैनेजमेंट और गेट पास मैनेजमेंट सिस्टम की पहलकदमियां शामिल हैं।

इसी तरह कटाई के बाद प्रक्रिया के स्वैचालित के लिए वी.वी.टी.एस. के प्रयोग से ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट, आर.एफ.आई.डी./क्यू.आर. कोड के द्वारा स्टैक मैनेजमेंट, गोदामों और शैलरों के लिए केंद्रीय निगरानी सैल को भी विकसित किया जा रहा है। श्री भगत को बताया पी.डी.एस. मोबाइल एप, राशन कार्ड को डिजीलाकर के साथ जोड़ना भी प्रक्रिया अधीन है। विभाग के मुलाजिमों के लिए एन.एफ.सी. और क्यू.आर. कोड अधारित शिनाख्ती कार्ड-कम-बिजनस कार्ड का प्रस्ताव भी विचार अधीन है। कारोबार को आसान बनाने के मंतव्य से भट्टों, सौलवैंट, नेप्था और मिट्टी के तेल के डीलरों के लिए लाईसेंस जारी करने और इसको नवीनीकरण की प्रक्रिया भी आॅनलाइन की जा रही है। इसी तरह इस सब कुछ की जी.आई.ऐस. मैपिंग भी होनी है जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाया जा सके।

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