Punjab-Chandigarh

Migrant Gets Healing Touch In Punjab, As His 10-year-old Boy Gets Free Surgery

सिविल अस्पताल ढुडिके की आरबीएसके टीम ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत फोर्टिस अस्पताल मोहाली से एक सरकारी स्कूल के छात्र के दिल का मुफ्त ऑपरेशन सफलतापूर्वक करवाया है।  छात्र एक प्रवासी परिवार से ताल्लुक रखता है और उसके परिवार ने पंजाब सरकार और स्वास्थ्य विभाग को पंजाब स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय पर इलाज उपलब्ध कराने के लिए धन्यवाद दिया है।
छात्र बिक्रम सिंह के पिता विंदेश्वर सिंह ने बताया कि वह मूल रूप से बिहार के रहने वाले थे और उनका बेटा महज दो साल का था जब उसे सांस उखडऩे के कारण चलने में दिक्कत होने लगी। वह कई बार वह चक्कर खाकर गिर भी जाता था।  विभिन्न डॉक्टरों की सलाह पर, उसने अपने बेटे का इलाज कराने के लिए नेपाल, पूर्णिया, पटना, पानीपत, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई प्रतिष्ठित अस्पतालों का दौरा किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। एक मौके पर उन्हें पुलिस की धमकी के बाद रात में दिल्ली के एक नामी अस्पताल से अपने बच्चे को लेकर भागना पड़ा था।
 उन्होंने कहा कि इसी दुविधा में किसी ने उन्हें पंजाब में अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता के बारे में बताया तो उन्होंने पंजाब आने का फैसला किया।  अपने बेटे के इलाज की उम्मीद में, वह मोगा जिले के बुघीपुरा गाँव में आ गया और अपनी आजीविका के लिए एक जमींदार परिवार के साथ काम करने लग गया।  उन्होंने अपने बेटे का दाखिला गांव के सरकारी स्कूल में कराया।  इसी बीच एक दिन सिविल अस्पताल ढुडिके की आरबीएसके के  टीम डॉ.  सिमरपाल सिंह व डॉ.  नेहा सिंगला द्वारा स्कूली बच्चों की मेडिकल जांच में पाया गया कि बिक्रम जन्मजात हृदय रोग से पीडि़त हैं। मामले को उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाने के बाद बच्चों के इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत फोर्टिस अस्पताल मोहाली से इस छात्र के हृदय का ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया गया है।
ढुडिके सिविल अस्पताल के सीनियर मेडिकल अफसर डाक्टर नीलम भाटिया ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 30 घातक बीमारियों के मुफ्त इलाज के लिए आंगनबाडिय़ों और स्कूलों में शून्य से 18 साल तक के बच्चों की जांच की जाती है। यह स्वास्थ्य जांच बच्चों में जन्म दोष, बीमारियों, शारीरिक कमियों और विकास की कमी को देखती है।  उन्होंने कहा कि इस बीमारी का जल्द पता लगने से कई बीमारियों का इलाज संभव है। इसलिए स्कूलों में देखरेख, सहयोग और उपचार के तहत बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की जाती है।

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