मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के आदर्श व् सहनशील जीवन पर डाला प्रकाश
suman ( The Mirror Time )
(आर्य समाज मंदिर पटियाला में सात दिवसीय सामवेद पारायण यज्ञ व् श्री राम कथा का कार्यक्रम)
आर्य समाज मंदिर पटियाला में चल रहे सात दिवसीय सामवेद पारायण यज्ञ व् श्री राम कथा के संगीतमय कार्यक्रम पर पंडित उपेन्द्र आर्य ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के संघर्षों का वर्णन किया। जिसमें जैसे ही राम के राज्याभिषेक की घोषणा हुई, तुरंत मंथरा ने कैकई को भड़का कर कोप भवन पहुंचा दिया। आगे उन्होंने बताया कि षड्यंत्र से हमेशा सचेत रहना चाहिए। षड्यंत्र हमेशा विनाश के कारण बनते हैं।
इससे पहले सामवेद परायण यज्ञ में यजमान बने परवीन चौधरी-शीतल चौधरी, सत्यपाल आर्य सपत्नी, जतिंद्र शर्मा, स्वर्ण कांता शर्मा, राज कुमार सिंगला-प्रेम लता सिंगला, वीरेंद्र सिंगला वा रमण शर्मा द्वारा यज्ञ के ब्रह्मा पंडित गजेंद्र शास्त्री ने सामवेद के अरण्य कांड के मंत्रों से आहुतियां डलवाई और बताया कि सामवेद के अंदर उपासना व् संगीत का विषय है। सामवेद के दुआर हम अपनी आत्मा व् परमात्मा के विषय में ज्ञान प्राप्त कर सकते है। सुमन वा वेधिका ने बहुत ही भक्ति भाव से वैदिक मंत्रों का पाठ ने किया।
सके पूर्व इस रात्रि कालीन सभा में पंडित राकेश शर्मा जी चंडीगढ़ का प्रवचन हुआ । उन्होंने कहा कि मह्रिषी दयानंद न होते तो आज हम अपने आर्य वैदिक धर्मं व् अपनी संस्कृती को भूल चुके होते ।
मंच का संचालन कर रहे बिजेंदर शास्त्री ने बताया कि राजा दशरथ ने रघुकुल रीति सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई के अनुरूप कहे गए अपने दो वरदान कैकई को दिए, जिसमें भरत को राज्याभिषेक और राम को वनवास निहित था।
कार्यक्रम की समाप्ति पर प्रधान राज कुमार सिंगला ने सभी अतिथियों का सम्मान किया और सभी का धन्यवाद किया ।
उपस्थित लोगों में कर्नल आनंद मोहन सेठी, हर्ष वाधवा, बैजनाथ पाल, परवीन कुमार, सुमन कोछड, संगीता सिंगला, आर्य कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल के अध्यापक व् बच्चे भी उपस्तिथ रहे ।
कार्यक्रम के अंत में ऋषि लंगर का आयोजन किया गया