Punjab-Chandigarh

18 से 44 वर्ष के आयु वर्ग के निर्माण कामगारों को कल से लगाया जायेगा कोविड का टीका

पंजाब सरकार राज्यभर में कल से 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के निर्माण कामगारों को कोविड-19 टीके लगाने के लिए पूरी तरह तैयार है।इस संबंधी जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री स. बलबीर सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग को 18 से 44 आयु वर्ग के टीकाकरण के लिए कोविड-19 टीके की सिर्फ़ 1 लाख ख़ुराक ही प्राप्त हुई है इसलिए पहले चरण में निर्माण कामगारों को कवर करने का फ़ैसला किया गया है। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया लिम. को 30 लाख ख़ुराकों का ऑर्डर कर दिया है इसके अंतर्गत मई 2021 में 18-44 वर्ष आयु वर्ग के लिए 4.29 लाख ख़ुराकों का वितरण किया जायेगा।स. सिद्धू ने कहा कि टीका माहिर समिति ने सिफ़ारिश की है कि मई में उपलब्ध ख़ुराकों के वितरण के लिए निजी क्षेत्र और अन्य स्रोतों की हिस्सेदारी के साथ ख़ुराकों की माँग की पूर्ति की जाये। सह-रोगों से पीडि़त व्यक्तियों को गंभीर बीमारी का सबसे अधिक जोखिम होता है और इसलिए अगले चरण में 70 फीसदी ख़ुराकें इस समूह के लिए निर्धारित की गई हैं।स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सह-रोगों की सूची पहले भारत सरकार द्वारा निर्धारित की गई है परन्तु इलाज करने वाले डॉक्टर द्वारा मोटापा (बीएमआई> 30), विकलांगता (जैसे कि रीढ़ की हड्डी की चोट) और ज़्यादा सह-रोगों को शामिल किया जायेगा।कुछ आबादी के उच्च जोखिम वाले समूहों की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ पेशों में दूसरे व्यक्तियों के साथ और ज्यादा बातचीत करनी पड़ती है जिससे उनको संक्रमण होने और फैलाव का सबसे अधिक जोखिम होता है इसलिए 30 प्रतिशत ख़ुराकें इस समूह के लिए निर्धारित की जाएँ। इस संबंधी रणनीति में जोखिम वाले पेशेवरों की सूची पहले ही पेश की जा चुकी है परन्तु मई 2021 के लिए सिर्फ़ उच्च जोखिम वाली तीन श्रेणियों को शामिल किया जाना है जिनमें सरकारी कर्मचारी, निर्माण कामगार, अध्यापक और सरकारी और निजी शैक्षिक संस्थाओं के अन्य कर्मचारी शामिल हैं।    जिलों में टीकों के वितरण के लिए बनाई रणनीति बारे बताते हुए उन्होंने कहा कि जिले को आबादी, मृत्युदर और घनत्व के आधार पर 3 जोनों: ए, बी और सी में बँटा गया है जिनको 50 फीसदी, 30 फीसदी और 20 फीसदी अलॉटमेंट निर्धारित की गई है। माहिर समिति की तरफ से यह भी सिफ़ारिश की गई है कि इन जोनों में टीकाकरण मुख्य शहरी केन्द्रों तक सीमित रखा जाये और जोन ए और बी के शहरी क्षेत्रों की आबादी के अनुपात अनुसार ही वितरण किया जाये। जोन सी के लिए वह हर जि़ले में समान वितरण की सिफ़ारिश करते हैं। जब और ख़ुराकें उपलब्ध होती हैं या महामारी के हालात बदलते हैं, तो प्राथमिक ढांचे को बदला जा सकता है।माहिर समिति की सिफारिशों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कोवीशील्ड और कोविड संबंधी अन्य टीके लगाने के लिए और इस संबंधी नयी रणनीति बनाने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टीका माहरों के साथ परामर्श किया जायेगा जिससे अंतरराष्ट्रीय तजुर्बे के साथ बड़ी आबादी को टीकों का लाभ दिया जा सके।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्राथमिक समूहों, सह-बीमारियों वाले व्यक्तियों और आम लोगों के लिए वैक्सीन प्रभावशीलता का मुल्यांकन करने के लिए पहले ही एक योजना तैयार कर रही है। यह बीमारी पर काबू पाने संबंधी आगे के प्रयासों को तैयार करने में महत्वपूर्ण साबित होगा।  

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