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कोरोनाकाल की जिम्मेदारी, नर्स सिल्वा बजाती हैं वॉयलिन, कोरोना मरीजों का तनाव और अपने स्टाफ की थकान दूर करने के लिए

चिली की राजधानी सेंटियागो मैं शाम को 6 बजे ही वॉयलिन का सुरीला संगीत कोरोना मरीजों में कानों तक पहुंचता और उनका तनाव दूर हो जाता है। कुछ समय के लिए ही सही मरीज अपनी बीमारी और स्टाफ थकान को भूलकर राहत महसूस करते हैं।कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों से चिली छठे नंबर पर है, जहां संक्रमण के 3 लाख से अधिक मामले पाए गए हैं। यहां 2 लाख 71 हजार लोग कोरोनावायरस से रिकवर हो चुके हैं।

26 साल की नर्स डमारिस सिल्वा अपनी ड्यूटी खत्म होने के बाद क्रिटिकल केयर यूनिट में वॉयलिन लेकर पहुंचती हैं। तार छेड़ते ही गैलरी में मधुर संगीत गूंजने में लगता है।
डमारिस सिल्वा कहती हैं कि कोरोनाकाल में मैं लोगों में स्नेह, विश्वास और उम्मीदें बांट रही हूं। मेरे वॉयलिन से निकला संगीत सिर्फ एक गाना नहीं है, यह उससे बढ़कर है क्योंकि जब भी मैं इसे बजाती हूं तो यह आवाज सीधे मेरे दिल से निकलती है

हॉस्पिटल में काम करने वाली एक अन्य नर्स के मुताबिक, जब सिल्वा गैलरी में आती हैं तो मरीज उनका गाना सुनकर तालियां बजाते हैं। इनकी यह पहल मरीजों और स्टाफ दोनों के लिए काफी सुखद है और जोश भरने वाली है। वह सही मायने में इंसानियत का अद्भुत उदाहरण हैं। सिल्वा हफ्ते में दो बार कोरोना मरीजों के बीच पहुंचती हैं और घंटों वॉयलिन बजाती हैं। इसके साथ वह मरीजों के लिए लेटिन सॉन्ग भी गाती हैं। वह बताती हैं कि जैसे ही मरीज को गाने सुनाई पड़ते हैं। उनके चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। वह अंदर से खुश हो जाते हैं। सिल्वा की कलीग नर्स जोज लुइस कहती हैं कि वह मरीजों के लिए जो कुछ भी कर रही हैं, यह बेहद खूबसूरत है।

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